Baba Khetrapal Aarti

बाबा तेरी आरती गाये,
जन आये दरबार।
बाबा तेरी आरती गाये॥

द्वारे तेरे ते जो भी आवे,
मन इच्छया फल तैथों पावे,
सब नूं पार लगावे।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

महिमा सुन के मैं तेरी आया,
नंगे नंगे पांव मैं दौड़ा आया,
सिर नूं नाल झुकाया।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

सुजावलपुर तेरा दर्शन भारी,
चौदस पर मेला लगता है भारी,
सब नूं तूंखुले दर्शन दिखावे।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

अन्यां नूं बाबा अखियाँ देवे,
बांझन नूं बाबा पुत्र देवे,
कोढ़ी को देवे काया।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

जो कोई तेरी शरण में आवे,
जीवन मुक्त जीवन फल पावे,
पल में पाप तू हर दे।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

निस दिन जो तेरी आरती गावे,
दुःख दरिद्र, भय निकट न आवे,
सब दे संकट हर दे।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

हम सेवक तेरी आरती गावे,
दर्शन पावे नाले मंगल गावे,
संगत यश तेरा गावे।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

मुखड़े तेरे ते सिन्दूर विराजे,
तेल, पुष्प तेरे चरणों में साजे।
लड्डुओं का भोग लगावें।
बाबा जी तेरी आरती गाये….

दोवें हाथ जोड़ बेबे करां तेरी आरती,
बच्चयां दी लाज रखो बेबे मेरी आन के।
दोवें हाथ जोड़……..

आरती वेलें बेबे जोत जगाईए,
जोत जगा के चरणीं शीश झुकाईए।
कम-काज छोड़ के मैं गावा तेरी आरती,
दोवें हाथ जोड़……..

फूल चढ़ावां जोत जगावां,
जलेबियां दा भोग लगावां।
सबनां दे मन दी सब कुछ जानदी,
दोवें हाथ जोड़……..

शक्ति तेरी दा अजब नजारा,
जानदा ऐ इस नूं सारा जमाना।
असीं पापी जनमां दे गाईए तेरी आरती,
दोवें हाथ जोड़……..

सच्चे मन जेहड़े तेरी आरती गावे,
मांगीयां मुरादां दर दर ते पावे।
झोली अड़ मैं वी अज खड़ा तेरे द्वारे,
दोवें हाथ जोड़……..

बरसी तेरी ते जो कोई आवे,
तेरी जय-जयकार बुलावे।
रौनक वेख नाले सबनां नूं तारदी,
दोवें हाथ जोड़……..

सुजावलपुर बेबे मन्दिर बनायो,
इस नूं है धाम बनायो।
कर्मां ही वालियां नूं तू दर्श दिखावंदी,
दोवें हाथ जोड़……..

कुठ मेरे ते वास बेबे तेरा,
सुर वी तेरी ते ताल वी तेरा।
स्वासां दी मालां नाल सिमरां मैं आरती,
दोवें हाथ जोड़……..

शाम सवेरे जो तेरी आरती गावे,
पल विच उसदे तू दुःख निवारदी।
रल मिल आस लै के गाईए तेरी आरती,
दोवें हाथ जोड़……..